September 26, 2017

नारद संहिता में ज्योतिष विज्ञान के सूत्र, भाग-1

नारद संहिता में ज्योतिष विज्ञान के सूत्र, भाग-1 मेष आदि राशियाँ कालपुरुष के क्रमश : मस्तक , मुख , बाहु , ह्रदय , उदर , कटि […]
September 27, 2017

नवग्रहों के प्रसन्नार्थ स्तुति व दान

नवग्रहों के प्रसन्नार्थ स्तुति व दान दानेन प्राप्यते स्वर्गः श्रीर्दानेनैव लभ्यते। दानेन शत्रून् जयति व्याधिर्दानेन नश्यति।। अर्थात् दान के द्वारा मनुष्य इस लोक में समस्त प्रकार […]
October 7, 2017

ज्योतिष शिक्षण माला भाग – 004

नक्षत्र विवेचन भारतीय पंचांग तथा ज्योतिष में नक्षत्रों (अंग्रेजी में Constellations) को अत्यधिक महत्व दिया गया है। परंपरानुसार ‘न क्षरतीति नक्षत्राणि’ अर्थात् जिनका क्षरण नहीं होता, […]
May 8, 2020

चमत्कारी रमल ज्योतिष

May 11, 2020

कर्म और भाग्य ज्योतिष की दृष्टि में

एक सर्वमान्य नियम यह है कि ‘‘नाभुक्तं क्षीयते कर्म कोटिकल्पशतैरपि।’’ अर्थात् कोई भी कर्म करोड़ो कल्प बीतने पर भी बिना भोगे नाश को प्राप्त नहीं होता।
June 2, 2020
sixteen sacred rites of hinduism

सोलह संस्कार

सनातन अथवा हिन्दू धर्म की संस्कृति संस्कारों पर ही आधारित है। हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को पवित्र एवं मर्यादित बनाने के लिये संस्कारों का अविष्कार किया।
June 4, 2020

बौद्धिक आतंकवाद : शोषित का विद्रोह – ईंटोलरंस और हिंसा

आज का शिक्षित वर्ग एक उच्च आदर्श के ढोंग खुद के फायदे के लिए जी रहा है । समाज में समय समय पर उनके ये सन्देश दर्शाते है की उनकी एक सभ्य जिंदगी है, जिसमे बड़े अपराध उनकी उच्च जिंदगी का हिस्सा है।
July 25, 2020

पंचांग व कंप्यूटर के बिना 2 मिनट में लग्न बताना

ज्योतिष में किसी कुंडली का सबसे अहम् स्थान है तो वह है लग्न l लग्न के जानने मात्र से हम उस व्यक्ति के बारें में कई बातें जान लेते है l वैसे तो लग्न की ज्योतिषीय परिभाषा है की किसी दिनांक विशेष, समय विशेष और स्थान विशेष पर पूर्वी क्षितिज पर में उदित राशी को लग्न कहते है l