नवग्रहों के प्रसन्नार्थ स्तुति व दान दानेन प्राप्यते स्वर्गः श्रीर्दानेनैव लभ्यते। दानेन शत्रून् जयति व्याधिर्दानेन नश्यति।। अर्थात् दान के द्वारा मनुष्य इस लोक में समस्त प्रकार […]
नक्षत्र विवेचन भारतीय पंचांग तथा ज्योतिष में नक्षत्रों (अंग्रेजी में Constellations) को अत्यधिक महत्व दिया गया है। परंपरानुसार ‘न क्षरतीति नक्षत्राणि’ अर्थात् जिनका क्षरण नहीं होता, […]
सनातन अथवा हिन्दू धर्म की संस्कृति संस्कारों पर ही आधारित है। हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को पवित्र एवं मर्यादित बनाने के लिये संस्कारों का अविष्कार किया।
आज का शिक्षित वर्ग एक उच्च आदर्श के ढोंग खुद के फायदे के लिए जी रहा है । समाज में समय समय पर उनके ये सन्देश दर्शाते है की उनकी एक सभ्य जिंदगी है, जिसमे बड़े अपराध उनकी उच्च जिंदगी का हिस्सा है।
ज्योतिष में किसी कुंडली का सबसे अहम् स्थान है तो वह है लग्न l लग्न के जानने मात्र से हम उस व्यक्ति के बारें में कई बातें जान लेते है l वैसे तो लग्न की ज्योतिषीय परिभाषा है की किसी दिनांक विशेष, समय विशेष और स्थान विशेष पर पूर्वी क्षितिज पर में उदित राशी को लग्न कहते है l