सनातन अथवा हिन्दू धर्म की संस्कृति संस्कारों पर ही आधारित है। हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को पवित्र एवं मर्यादित बनाने के लिये संस्कारों का अविष्कार किया।
आज का शिक्षित वर्ग एक उच्च आदर्श के ढोंग खुद के फायदे के लिए जी रहा है । समाज में समय समय पर उनके ये सन्देश दर्शाते है की उनकी एक सभ्य जिंदगी है, जिसमे बड़े अपराध उनकी उच्च जिंदगी का हिस्सा है।
अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन मुहूर्त को लेकर छिड़े विवाद के बीच मुहूर्त निकालने वाले काशी के विद्वान आचार्य पण्डित गणेश्वर शास्त्री द्रविड ने सारी आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया है।