जन्मपत्रिका में विभिन्न राजयोग विचार राजयोग किसी भी कुंडली में लगन से केन्द्र विभाव ष्णु स्थान कहलाते है एवं लग्र से त्रिकोण स्थान लक्ष्मी स्थान कहलाते […]
वैदिक ज्योतिष का इतिहास एवं पृष्ठभूमि अपना भविष्य जानने की अभिलाषा मनुष्य में प्राकृतिक एवं अनिवार्य हैं, यथा। वन समाश्रिता येपि निर्ममा निष्परिग्रहा:। अपिते परिपृच्छन्ति ज्योतिषां […]
फलित ज्योतिष शिक्षा की शुरूआत के मूलभूत सिद्धांत हमारे सौरमंडल में नौ ग्रह हैं : सूर्य, चंद्र, मंगल, बंध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु। इनमें […]
Debts of previous birth as per Lal Kitab -Acharya Anupam Jolly Because of the inflicted planets present in the Horoscope, the native has various kinds of […]