आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
इस प्रश्नावली का तरीका है कि चंदन की लकड़ी का चौकोर पासा बनाकर उस पर १, २, ३, ४ खुदवा लें। फिर अपने कार्य का चिंतन करते हुए तीन बार पासा छोड़ें। उसका जो अंक आये, उसी अंक पर फल देखें। यदि किसी के पास पासा नहीं हो तो, आँखें बंद करके प्रश्न मन में सोचें और नीचे दी गई सारणी में में अनामिका अंगुली रखें और क्लिक करके उसका फल देखें।
आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। |
जो कुछ प्रत्यक्ष है, वही सत्य है कल्पना व भावुकता में न बहें। |
सोच-समझकर कार्य करें वरना पछतावा होगा। |
प्राण-प्रण से अपने कार्यों में लग जाओ, सफलता कदम चूमेगी। “भगवान विष्णु” के मन्दिर में ऊँचाई पर पीली ध्वजा लगायें। |
भाग्य उदय का समय आ गया है, हर प्रयत्न सफल होंगे। “श्रीमहा-लक्ष्मी” की साधना करें। |
आपके शत्रु आपका अहित करने का प्रयास करेंगे। हनुमान चालिसा का पाठ करें। |
धन-सम्पत्ति में वृद्धि होगी। आदर्श जीवन जीयेंगे। |
संतोष से बढ़कर कोई खजाना नहीं, उतावलेपन से दूर रहें। |
आप जो निर्णय ले रहे हैं उस पर पुर्विचार कर लें। |
वर्तमान में जीने का अभ्यास करें। कल की चिंता छोड़ दें। |
धन-सम्पत्ति मिलने का योग है। “श्रीसूक्त” का पाठ करें। |
मन को नियंत्रण में रखें, वरना मुश्किल पैदा होगी। |
लोग आपसे फायदा उठा रहे हैं। सावधान रहें। |
झूठ, मिथ्या संदेह को हृदय से निकाल दें तो कार्य शीघ्र सिद्ध होगा। |
व्यवहार में सौम्यता, सुघड़ता लायें, कार्य पूर्ण तभी होंगे। |
समय सर्वथा अनुकूल व शुभ है। लाभ उठायें, श्रेष्ठ भविष्य की ओर बढ़ेंगे। |
दौड़-धूप करके और कुछ व्यय करके गया धन प्राप्त होगा। |
अटल आत्मविश्वास का फल मीठा होता है। |
घर-परिवार में सुख-समृद्धि तथा जीवन में कोई शुभ कार्य होने वाले होंगे। “सर्व मंगल मांगल्ये” का जप करें। |
ईश्वर का नाम लें, विपत्ति टल जायेगी। “कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।” का जप करें। |
संतप्त व्यक्ति या दुःखी प्राणी शीघ्र छुटकारा पा लेगा। |
आप परिवर्तन चाहते हैं तो कीजिए, परिवर्तन के परिणाम सुखद व शुभ होंगे। |
व्यर्थ का जोखिम न उठायें। |
कुछ समय में समय अनुकूल होगा। |
विश्वास, धैर्य, बुद्धि और विवेक से सुख व आनन्द की प्राप्ति होगी। |
भाग्य का निर्माण आपके हाथ में है। सच्चाई और ईमानदारी का अवलम्बन न छोड़ें। |
दिन-दोगुनी, रात-चौगुनी तरक्की होने वाली है। दीन-हीन की सेवा करें। |
तुम्हारा मित्र या साथी वफादार है, विश्वास कीजिए। |
दुर्विचार को अपने मन से निकाल दें तो भाग्यशाली बने रहेंगे। |
धुन के पक्के बने रहिये। अर्जुन के समान लक्ष्य निर्धारित करें। सफलता प्राप्त होगी। |
निर्णय स्वयं लें, उत्तम होगा। आपका स्नेह अपनत्व क्या पात्रों के बनने योग्य है। |
वक्त पर मित्र काम आयेंगे। |
अपने आचरण को सही दिशा में रखें, बुरे लोगों की संगति न करें। |
शुभ समय शीघ्र आपके दरवाजे पर है। “ॐ गं गणपतये नमः” का जप करें | |
दिखावा, प्रदर्शनप्रियता, झूठी महत्त्वकांक्षा के फेर में न पड़ें, अहित होगा। |
फालतू मित्रों के पीछे पागल मत बनो, जो तुम्हारा होने का दम भरते हैं, वह समय आने पर नाश करेंगे। |
समय आने दीजिए, इंतजार करें, प्रचुर मात्रा में धन प्राप्त होगा। |
शत्रुजन की परवाह न करें। घबराइए नहीं। सत्य की जीत होगी। |
आश्वस्त रहें, आप समृद्धशाली होंगे। |
समय आ गया जब परिश्रम से आगे बढ़ेंगे, एकाएक भाग्य बदलेगा। ईश्वर उपासना करें। |
शुभ समय शीघ्र आने वाला है। ईश्वर उपासना करें। |
कर्म का फल है। पुण्य कार्य करें। “रुद्राष्टक” का पाठ करें। |
दीन-हीन वर्ग की सेवा करें। भाग्य स्वयं चल कर आयेगा। |
निराशा का दूसरा नाम मृत्यु है। निराश होने की आवश्यकता नहीं। भाग्य वाम-मार्गी है। “गणेश-सहस्त्रनाम” का जप करें। |
नया काम न करं, समय ठीक नहीं है। |
भौतिक वस्तुएं क्ष-भंगुर है, उस पर भूल कर भी स्वयं को न्यौछावर न करें। |
जो हो चुका उसका क्या रोना, पुनः अपने कार्यों में जुट जाएं सफल होंगे। |
आप यदि जागरुक हैं तो अपने विरुद्ध षडयंत्रकारियों पर विजय पायेंगे। |
ठंडे दिमाग से सोचें, आपने विपत्तियों को स्वयं निमंत्रण दिया है। यदि सच है तो भविष्य में सबक लें व विवेकी बनें। “संकट-नाशन-गणेश-स्तोत्र” का पाठ करें। |
निंदा, फरेब, कुसंगति से दूर रहकर न्यायप्रिय ढंग से जीवन जीयें, सफल होंगे। |
दुर्गा-सप्तशती का पाठ करें, कार्य सिद्ध होगा। |
भाग्य परिवर्तन का समय आ गया है। शीघ्र समृद्धि मिलने वाली है। “महा-लक्ष्मी-अष्टक” का पाठ करें |
अपनी देखभाल करें। |
कुआं खोदने वाले के लिए आप खाई खोदें, यह ठीक नहीं। जो भी क्लेश पहुंचा रहा है, उसे न मारें, न ही दुत्कारें। उसे उचित सलाह दें व न्याय पथ दिखलाएं। |
आप सच में सौभाग्यशाली हैं, शुद्ध आचरण हमेशा रखें, सफल रहेंगे। |
आपके भाग्य में परिवर्तन आने वाला है। आश्वस्त रहें। |
संतोष से बड़ा कोई धन नहीं। परिस्थितियों को सुधारने का प्रयास करें। |
प्रसन्नता के पीछे न दौड़ें। यदि कार्य श्रेष्ठ है तो धन-मान मिलेगा। |
धैर्य रखें, बुरा समय जाने वाला है। “गजेन्द्र-मोक्ष” का पाठ करें। |
आप जिस कार्य में लगे हैं, उसे विवेक-बुद्धि से लें, उसमें पूर्ण सफल होंगे। |
आपका भाग्य उदय, अपने जन्म स्थान पर होगा। जन्म स्थान से दूर न जाएं। |
अब आप ईश्वर की कृपा व सहायता के पात्र होंगे। |
विपत्ति आने वाली है, “विष्णु-सहस्त्रनाम” का पाठ करें। |
यदि भाग्य को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो पीछे मुड़ कर न देखें। सफलता दौड़ कर पास आयेगी। |
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Name-prince kumar
DOB-25/07/1993
place-mahua vaishali bihar
Time- 7:30 -8:00 pm
Question- about my career and job
When will be my son’s marriage?
His date of birth is 28.11.89
Time:- 9.20 am
Place :- Jaipur