भारतीय जनमानस में बसे भगवान श्रीराम जिन्हें मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम कहा जाता है | जिन्होंने अपनें सुखों का त्यागकर, अपने कर्तव्य मार्ग पर निरंतर चले और सबके लिए एक आदर्श स्थापित किया | जब वो रावण विजय उपरांत, वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटे तो अयोध्या वासियों ने खुशियों का इजहार किया और पूरा शहर दीपों से जगमग कर दिया |
सूर्य एक साल में हर एक राशि में एक एक महिना बिताकर तुला राशि में 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक के मध्य रहता है, जो की उसकी नीच राशि होती है | इस भ्रमण के दौरान पड़ने वाली अमावस्या को दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है | प्रकाश देने वाला सूर्य और चन्द्रमा इस दिन अपनी सबसे कमजोर स्थिति में होता है |अत: इसे महारात्रि कहते है | अँधेरे की इस महारात्रि की कमी को दीपकों के प्रकाश से हम पूरा करते है |
ब्रह्म पुराण में लिखा है कि कार्तिक की अमावस्या को अर्ध रात्रि के समय माँ लक्ष्मी, सद्ग्रस्थों के घर में जहां-तहां विचरण करती हैं। इसलिए अपने घर को सब प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और सुशोभित करके दीपावली तथा दीपमालिका मनाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं और वहां स्थाई रूप से निवास करती हैं।
माँ लक्ष्मी जी के पूजन के लिए प्रदोष काल, स्थिर लग्न और स्थिर नवमांश होना चाहिए । जिससे धनलक्ष्मी हमारे घर में स्थाई निवास करें ।
07 नवम्बर 2018, बुधवार को प्रदोष काल = सांय 05.36 से 08.14 (जयपुर में) और वृषभ लग्न = सांय 06.08 से 08.05 (जयपुर में) है । इसके साथ कुम्भ नवमांश सायं 06.20 से 06.33 पर्यंत रहेगा ।
अत: माँ लक्ष्मी जी की पूजा का मुहूर्त = सांय 06.20 से 06.33 (जयपुर में) पर रहेगा ।
गणेश लक्ष्मी की मूर्ति रखकर कुछ चांदी आदि के सिक्के रखकर इनका पूजन करते हैं तथा थाली में ग्यारह, इक्कीस या उससे अधिक दीपकों के मध्य तेल से प्रज्ज्वलित चौमुखा दीपक रखकर दीपमालिका का पूजन भी करते हैं और पूजा के अनन्तर उन दीपों को घर के मुख्य-मुख्य स्थानों पर रख देते हैं। चौमुखा दीपक रातभर जले ऐसी वयवस्था करनी चाहिए।
दीपावली पूजन में सर्व प्रथम माता लक्ष्मी जी के समक्ष प्रार्थना करनी चाहिए और उसके बाद अपने अभीष्ट इच्छा को लेकर हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प करना चाहिए और जल को अपने सामने धरती पर छोड़ देना चाहिए ।
उसके बाद देहलीविनायक पूजन अर्थात घर, मंदिर या व्यापारिक प्रतिष्ठान की दिवार पर मांगलिक चिन्ह जैसे स्वास्तिक, शुभ लाभ, ॐ श्री गणेशाय नम: इत्यादि सिंदूर से लिखकर गंध व पुष्प से पूजा करें ।
हमारे यहाँ व्यापारिक वर्ग अपने बिज़नस में बही खाते के उपयोग में आने वाली अपनी लेखनी व दवात और व्यापार में लाये जाने वाली तुला की भी पूजा करते है।
उसके बाद धन के रक्षक यक्ष कुबेर जी की पूजा का विधान है ।
अंत में दीपमालिका पूजन कर माता लक्ष्मी जी को अर्पण कर माँ लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है तत्पश्चात मता की आरती करनी चाहिए।
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माँ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करनें के लिए लक्ष्मी गायत्री मंत्र बहुत ही फलदाई रहता है और यह मन्त्र कोई भी कर सकता है मन्त्र इस प्रकार है :
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।
इसी प्रकार दुर्गा सप्तशती में एक मन्त्र धन व धान्य प्रदान करने वाला है इसे आप अपने जीवन में अपनाकर अपना करियर भी ठीक कर सकते है, मन्त्र इस प्रकार है :
ॐ सर्वबाधा विर्निमुक्तो धनधान्यसुतान्वित:, मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय: ।।
जिन लोगों ने अपने मंदिर में श्री यंत्र स्थापित कर रखा है उन्हें – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नम: मन्त्र का जाप करना चाहिए ।
मन्त्र जाप पूर्व की तरफ मुख करके लाल ऊनी आसन पर बैठ कर करना चाहिए । माला के लिए क्रिस्टल, चन्दन व रुद्राक्ष की माला ले सकते है।
मेष राशि वालों के लिए आगामी वर्ष में वाहन सुख व नए मित्रों का जीवन में आगमन होगा। धार्मिक-क्रिया कलापों में रूचि बढ़ेगी। धन का आगमन और खर्च दोनों बड़ी मात्रा में होगा ।
वृषभ राशि वालों के लिए वैवाहिक रिश्ते आयेंगे और प्रेम प्रसंगों के लिहाज से समय अनुकूल है। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नविन कार्यों की रुपरेखा बनेगी और उस पर क्रियान्वन भी होगा ।
मिथुन राशि वालों के लिए नौकरी में परिवर्तन हो सकता है। ननिहाल पक्ष से मानसिक मतभेद होगा। शिक्षा के लिहाज से अनुकूल वातावरण मिलेगा। खर्चे जरुरत से ज्यादा होंगें । परिवार में मांगलिक कार्य सम्पन्न होगा ।
कर्क राशि वालों के लिए प्रेम प्रसंगों में अत्यधिक संघर्ष की स्थिति बन रही है। लाभ के नए अवसर प्राप्त होंगें। स्वास्थ्य सुधरेगा। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के योग बन रहे है।
सिंह राशि वालों के लिए कार्यक्षेत्र में विस्तार के योग बन रहे है। नौकरीपेशा लोगो को पदोन्नति व स्थान परिवर्तन के योग बन रहे है। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। मानसिक चिंताए बढेगी ।
कन्या राशि वालों विवाह सम्बन्धी योग बन रहे है। भाग्य साथ देगा। धार्मिक यात्राओं के भी योग बन रहे है । आर्थिक उन्नति व लाभ के अवसर प्राप्त होंगें । मित्रों से अनावश्यक परेशनियों का सामना करना पड़ सकता है ।
तुला राशि वालों के शत्रुवर्ग में वृद्धि के योग बन रहे है । नए विवादों से बचना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए समय लाभकारी साबित होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर है अत: ध्यान रखें।
वृश्चिक राशि वालों के लिए समय संतान व वैवाहिक सुख से परिपूर्ण रहेगा। स्वास्थ्य व धन सम्बन्धी चिंता बनी रहेगी। धर्म कर्म में रूचि बढेगी। भाग्य साथ देगा। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के भी योग चल रहे है।
धनु राशि वालों के लिए जमीन मकान व वाहन का योग बन रहा है। कर्जा व शत्रुवर्ग में बढोत्तरी की स्थिति बन रही है। खर्चों की चिंताए बनी रहेगी। पैत्रक सम्पति का लाभ प्राप्त हो सकता है।
मकर राशि वालों का सामाजिक कार्यों में योगदान बढेगाl छोटी यात्राये बड रही है। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम प्रसंगों में भी बढोत्तरी के योग बन रहे है।
कुंभ राशि वालों के परिवार में सहयोग बढेगा तथा कोई मांगलिक कार्य सम्पन्न होगाl नौकरी की चिंताए भी हावी रहेगी। जमीन मकान वाहन सम्बन्धी योग बन रहे है ।
मीन राशि वालों के स्वास्थ्य में उन्नति के योग बन रहे है। मानसिक तनावों से भी मुक्ति मिलेगी। प्रेम प्रसंगों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होगें ।
2 Comments
Great Information.. I am very thankful to you for this information.. Thanks a lots..
Sir JI mera readymade garments ka kam hai jam aabhi sahi nahi chal raha aacha Chaka is ka liya Kya Karna chaiya