नए साल में अपनी राशि अनुसार करें ये उपाय।

नए साल में अपनी राशि अनुसार करें ये उपाय। घर आएगी सुख , शांति और समृद्धि।

वर्ष 2017 इस बार कई कारणों से बहुत खास बन गया है। सबसे पहले तो 2017 नवग्रहों के राजा सूर्य से संबंधित है। वर्ष 2017 का आरंभ एक जनवरी 2017 अर्थात रविवार से आरंभ होगा और रविवार पर ही खत्म हो रहा है। ऐसा 772 वर्षों बाद पहली बार होगा। ज्योतिष की बात करें तो यहां भी सात ही ग्रह माने गए हैं जबकि राहू और केतु को छाया ग्रह मान कर ज्योतिष का गणितीय संतुलन स्थापित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इन सातों ग्रहों में भी सूर्य को राजा माना गया है। अतः 2017 का स्वामी ग्रह सूर्य को माना जा सकता है। दूसरे शब्दों में इस वर्ष सूर्य का आधिपत्य रहने के कारण यह वर्ष समृद्धिकारक, प्रभावशाली तथा तेजस्वी रहेगा। इस वर्ष कुछ ऐसी घटनाएं भी हो सकती हैं, जो पूरे विश्व का इतिहास बदल देंगी।

आइए जानते हैं, इस वर्ष आपका भाग्य कैसा रहेगा।

मेष (Aries) (चू, च, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

मेष राशि का अश्विनी, भरणी और कृत्तिका नक्षत्र के प्रथम चरण के संयोग से निर्माण हुआ है। इस वर्ष आपके लिए सूर्य तो शुभ रहेगा ही साथ ही में 27 जनवरी को शनि की ढैय्या भी समाप्त हो रही है। इससे अचानक लाभ होगा तथा नई सफलताएं प्राप्त होंगी। यह वर्ष आपके लिए सम्पत्ति, प्रतिष्ठा तथा सामाजिक मान-सम्मान लेकर आएगा। इस वर्ष आपको जीवन में कई नए सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे तो जीवन को उत्साह तथा नई ऊर्जा से भर देंगे। नौकरीपेशा वाले लोगों का स्थान परिवर्तन होगा। नए निवेश की योजनाएं बनेंगी।

उपायः भगवान भोलेनाथ तथा मां-पार्वती की आराधना से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। बड़े भाई के पैर छूकर आशीर्वाद लेना आपके लिए फ़ायदेमंद रहेगा। सावधानीः किसी भी पेपर पर बिना सोचे-समझे दस्तखत न करें। परिवार में बहस से बचें, स्वास्थ्य का ख़्याल रखें, फ़िज़ूलख़र्ची पर लगाम लगाएँ।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः मेष राशि पर शनि की ढैया 26 जनवरी 2017 तक ही रहेगी।

शनि ढैया का फलः पारिवारिक लोगों से विरोध, शत्रुओं की बढ़ोत्तरी, गृहक्लेश, रोगों से परेशानी, व्यर्थ ख़र्च और धन-हानि का भय।


वृषभ (Taurus) (इ, उ, ए, ओ, वा, वि, वू, वे, वो)

वृषभ राशि का निर्माण कृत्तिका नक्षत्र के 3 चरणों, रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम और द्वितीय चरणों से हुआ। वर्ष 2017 आपके लिए सफलता तथा पदोन्नति लेकर आया है। इस वर्ष आप जबरदस्त आर्थिक प्रगति करेंगे। स्थान परिवर्तन तथा मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे। उच्च पदाधिकारी आपको परेशान कर सकते हैं। अपनी वाक्शैली से लोगों को प्रभावित करेंगे। साथ ही सही तरह से योजना बनाने से प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होगी। आम जनता में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा।

उपायः आपके लिए शनिदेव की आराधना लाभप्रद रहेगी। सुगन्धित चीज़ों का प्रयोग करना आपके लिए श्रेष्ठ रहेगा।

सावधानीः स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें, तनाव से दूर रहे। इस वर्ष स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं और खर्चें का कारण बनेंगी।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः इस वर्ष वृष राशि पर शनि ढैया रहेगी।

शनि ढैया का फलः शारीरिक पीड़ा, रक्त विकार, पारिवारिक कष्ट और व्यापार में हानि।


 मिथुन (Gemini) (का, की, कू , घ, ड, छ, के, को, हा)

मृगशिरा नक्षत्र के तृतीय और चतुर्थ चरण, आर्द्रा नक्षत्र और पुनर्वसु के 3 चरणों के संयोग से मिथुन राशि का निर्माण हुआ। यह वर्ष आपके लिए सफलता लेकर आएगा, हालांकि इन सफलताओं को प्राप्त करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। परिजनों से स्नेह तथा पारिवारिक सुख प्राप्त होगा। अपने समान लोगों से मेलजोल बढ़ेगा तो नए अवसर खोलेगा। इस वर्ष विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं। कोई पुराना कोर्ट-कचहरी के विवाद का फैसला आपके ही पक्ष में आएगा। लोगों की आपसे अपेक्षाएं बढ़ेंगी।

उपायः हनुमानजी की आराधना करें। छात्रों को स्टेशनरी का सामान (कॉपी, पेन, पेन्सिल इत्यादि) बाँटना आपके लिए शुभ है। सकारात्मक सोच बनाये रखें।

सावधानीः खान-पान पर ध्यान रखें। मौसम के कारण स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं परेशान करेंगी। अपनी वाणी तथा क्रोध पर भी नियंत्रण रखें।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः इस वर्ष मिथुन राशि पर साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव नहीं है।


कर्क (Cancer) (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

कर्क राशि पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण, पुष्य और आश्लेषा नक्षत्रों के सहयोग से बनी है। वर्ष 2017 आपके लिए मिला-जुला रहेगा। इस वर्ष लाभ होगा तो हानि भी उठानी पड़ेगी। पहले के किसी बड़े निर्णय का लाभ इस वर्ष मिलेगा। नए आर्थिक लाभ के सौदे होंगे। पारिवारिक अस्थिरता का माहौल रहेगा। परिवार के सहयोग से नई सफलताएं प्राप्त करेंगे मानसिक अस्थिरता के चलते कोई बड़ा काम भी अटक सकता है। किसी दूर स्थान की यात्रा हो सकती है। दिमागी जोर-आजमाइस से बिगड़े हुए काम भी बन जाएंगे।

उपायः मां भगवती तथा भोलेनाथ की सेवा से सारे काम बनेंगे। घर की बड़ी स्त्रियों (माँ, दादी, नानी या कोई बुज़ुर्ग महिला) का आशीर्वाद ग्रहण करना आपके लिए शुभ है।

सावधानीः आज के काम को कल पर टालने की प्रवृत्ति से बचें। सहज ही किसी पर विश्वास न करें। अति-भावुकता से बचें।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः इस वर्ष कर्क राशि पर साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव नहीं है।


 सिंह (Leo) (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

सिंह राशि मघा, पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण के संयोग से बनी है। आपको इस वर्ष की शुरूआत में थोड़े झटके लग सकते हैं लेकिन बाद में आश्चर्यजनक सफलता मिलेगी। वर्ष के शुरु में आने वाली समस्याओं से न घबराएं, यही समस्याएं आपके लिए तरक्की का मार्ग खोलेंगी। ईश्वरीय कृपा के चलते आपकी सभी योजनाएं समय पर पूर्ण होंगी। नए-नए लाभ के अवसर बनेंगे। समाज में मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा बढ़ेगी। परिवारजनों का सुख मिलेगा।

उपायः राहु के मंत्र का जाप करें। सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करें और पिता को सम्मान दें।

सावधानीः क्रोध करने से बचें। किसी भी कार्य में जल्दबाजी न करें, न ही अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़े। धैर्य रख कर आगे बढ़ने से सफलता मिलेगी।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः सिंह राशि पर शनि की ढैया 26 जनवरी 2017 तक ही रहेगी।

शनि ढैया का फलः अचानक धन-लाभ, स्त्री-पुत्र से सुख, सम्पति लाभ और सेहत ठीक।


कन्या (Virgo) (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे,पो)

कन्या राशि उत्तरा फाल्गुनी के 3 चरण, हस्त एवं चित्रा नक्षत्र के 2 चरणों से बनी है। इस वर्ष किसी विशेष व्यक्ति से मुलाकात आपके लिए भाग्योदय के द्वार खोल देगी। अपनी बुद्धि के बल से आप एक के बाद एक सफलताएं प्राप्त करते चले जाएंगे। आपके हाथ से धार्मिक कार्य होंगे। पारिवारिक तथा सामाजिक जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। कोई नया कार्य आरंभ कर सकते हैं जो आपको सामाजिक प्रतिष्ठा देगा। समाज से जुड़े कार्यों को करने से लोगों के बीच आपका कद बढ़ेगा।

उपायः भगवान राम की पूजा करें। काँसे का कड़ा पहनें व बहिन, बेटी, बुआ व मौसी का सम्मान करें। सभी मनोरथ पूरे होंगे।

सावधानीः मानसिक तनाव तथा अत्यधिक शारीरिक परिश्रम से बच कर रहें। विरोधियों से बहस करने से बचें।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः कन्या राशि पर शनि की ढैया रहेगी।

शनि ढैया का फलः शारीरिक पीड़ा, रक्त विकार, परिवारिक कष्ट और व्यापार में हानि संभव।


तुला (Libra) (रा, री, रू, रे, री, ता, ती, तू, ते)

तुला राशि चित्रा नक्षत्र के 2 चरणों स्वाति और विशाखा नक्षत्र के 3 चरणों से बनी है। शनि की साढ़ेसाती हटने तथा सूर्य की प्रबलता का लाभ मिलने से आपके लिए यह वर्ष आपके लिए बहुत खास बन गया है। अपने क्षेत्र में प्रगति प्राप्त करेंगे। व्यापारिक सौदों में लाभ होगा। प्रतिष्ठित लोगों से जान-पहचान के चलते तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे। सकारात्मक सोच रखते हुए आगे बढ़े, जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्राप्त होगी।

उपायः गायत्री मंत्र का जाप करें तथा शनि के निमित्त दान करें। कन्याओं में चॉकलेट, टॉफ़ी, सफ़ेद मिठाई बाँटें व पराई स्त्री पर बुरी नजर न डालें।

सावधानीः सेहत का ध्यान रखें और योग करें। अपनों से सावधान रहें, किसी नकारात्मक सोच के चलते पीछे न हटें।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः तुला राशि पर शनि की साढ़ेसाती 26 जनवरी 2017 तक ही रहेगी।

शनि साढ़ेसाती का फलः व्यापार में प्रगति, सुख-सम्पत्ति का लाभ और घर में मंगलकार्य होंगे।


वृश्चिक (Scorpio) (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

वृश्चिक राशि विशाखा नक्षत्र के 1 चरण तथा अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र से बनी है। व्यापारियों के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा तथा मान-सम्मान प्राप्त होगा। अपने से बड़ों को प्रणाम करने एवं उनसे मिल-जुलकर रहने से आपके सभी कार्य पूर्ण होंगे। वर्ष के अंत में पूरी तरह से अनुकूल स्थितियां बनने से लंबे समय से अटके कार्य भी बन जाएंगे। इसी वर्ष गुरु तथा सूर्य के राशि परिवर्तन से आपके आय से ज्यादा खर्चें होंगे। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नए उत्तरदायित्व मिलेंगे। परिवार में कोई मांगलिक कार्य होगा।

उपायः शनिदेव की आराधना करें तथा राहु के मंत्र का जाप करें। घर में लाल रंग के पौधे लगाकर उनकी देखभाल करें।

सावधानीः वाहन चलाते समय सावधानी रखें। धैर्य से साथ अपनी योजना का क्रियान्वयन करें। कार्य में आने वाले छोटे-मोटे व्यवधानों से न डरें।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः वृश्चिक राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी।

शनि साढ़ेसाती का फलः व्यापार में प्रगति, सुख-संपदा लाभ और घर में मांगलिक कार्य होंगे।


 धनु (Sagittarius) (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

धनु राशि मूल, पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा के प्रथम चरण से बनी है। यह वर्ष आपके लिए आध्यात्मिक तथा धार्मिक शक्तियों से परिचय करवाने वाला रहेगा। एक तरफ जहां कॅरियर में सफलताएं प्राप्त होंगी वही दूसरी तरफ आध्यात्मिक स्तर पर भी आप दूसरों से आगे निकल जाएंगे। इष्टदेव की कृपा से आपके सारे काम अपने आप होते चले जाएंगे। परिवार का सहयोग मिलने से आत्मबल बढ़ा-चढ़ा रहेगा, इसी के दम पर आपको बहुत सारी सफलताएं भी प्राप्त होंगी। विदेश में संपर्क बढ़ेंगे, किसी दूर स्थान की यात्रा भी संभव है। अपने सफल निर्णयों के चलते लोगों के बीच आपकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।

उपायः अपने गुरु तथा घर के बड़ों का आशीर्वाद लेकर ही काम आरंभ करें। आध्यात्मिक जीवन व सदाचार जीवन में अपनाएँ व गुरु का सम्मान करें।

सावधानीः घमंड से बचकर रहें, अन्यथा सफलता को विफलता में बदलते देर नहीं लगेगी। व्यर्थ वाद-विवाद में न उलझें।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी।

शनि साढ़ेसाती का फलः निजी जन से मनमुटाव, शत्रुओं की बढ़ोत्तरी, रोग कष्ट, गृह कलेश और धन हानि।


मकर (Capricorn) (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

मकर राशि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के 3 चरणों, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के 2 चरणों से बनी है। इस वर्ष शारीरिक कष्टों के चलते परेशान रहेंगे। परिवार तथ आधिकारी वर्ग की तरफ से पूरा समर्थन मिलेगा। परिवार में कोई बड़ा समारोह होगा। कॅरियर तथा व्यापार के हिसाब से इस वर्ष आपको कई अभूतपूर्व सफलताएं प्राप्त होंगी। रूके हुए कार्यों में गति आएगी। नई जिम्मेदारियां मिलने से मन उत्साहित रहेगा, लक्ष्यों को पूर्ण करने पर चहुंओर प्रशंसा प्राप्त करेंगे। मानसिक रूप से मजबूत बने रहे तो सभी कार्य स्वतः ही होते चले जाएंगे।

उपायः इस वर्ष शनिदेव के निमित्त उपाय करें तथा राहु की शांति हेतु हनुमानजी की पूजा करें। सभी कार्य पूरे होंगे। मांसाहार का त्याग व भैरव जी की पूजा आपके लिए फ़ायदेमंद रहेगी।

सावधानीः अनावश्यक मानसिक तनाव से बच कर रहें, अन्यथा शारीरिक कष्ट के साथ-साथ आर्थिक कष्ट भी उठाना पड़ सकता है।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः मकर राशि पर शनि की साढ़े साती रहेगी।

शनि साढ़ेसाती का फलः शारीरिक पीड़ा, रक्त विकार और व्यापार में हानि संभव।


 कुंभ (Aquarius) (गू, गे, गो, सा, सी, सू,से, सो,दा)

कुंभ राशि धनिष्ठा के 2 चरणों, शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के 3 चरणों से बनी है। वर्ष की शुरुआत में ही आपको कोई बड़ा फायदे का सौदा होने वाला है। अलग-अलग लोगों के साथ संपर्क होने से आर्थिक तथा सामाजिक तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे। काफी लंबे समय से अटके हुए कार्य पूरे होंगे। अपनी बौद्धिक दक्षता तथा चपलता के चलते आपसे जुड़े लोग आपकी प्रशंसा करेंगे। पद परिवर्तन करने के योग बन रहे हैं। आत्मविश्वास में काफी ज्यादा वृद्धि होने से लक्ष्य प्राप्त होंगे।

उपायः हनुमानजी तथा महादेव की आराधना से सभी मनोवांछित इच्छाएं पूरी होंगी। किसी गरीब का सहयोग करें।

सावधानीः व्यर्थ वाद-विवाद से बचें। किसी भी काम में जल्दबाजी में हाथ न डालें। साथ ही जो भी काम हाथ में लें, उसे अधूरा न छोड़े अन्यथा धनहानि होने की संभावना है।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः इस वर्ष कुंभ राशि पर साढ़े साती और ढैया का प्रभाव नहीं है।


मीन (Pisces) (दी, दु, थ, दे, दो, चा, ची)

मीन राशि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चतुर्थ चरण, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र से बनी है। पहले से बनी योजनाएं इस वर्ष पूरी होंगी। शांत मन से एकाग्रचित होकर अपने काम में पूरे दम से लग जाएं। सभी काम बनते चले जाएंगे। योग्यता का लाभ मिलेगा। विद्यार्थियों, व्यापारियों तथा महिलाओं के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। आपके ही सहयोग से परिजनों के अटके हुए काम भी पूरे होंगे। आपके सहयोगी स्वभाव तथा सहयोग के चलते इस वर्ष आप सफलता की नई ऊंचाईयां प्राप्त करेंगे। कुल मिला कर पूरा वर्ष आपके लिए बहुत ही अच्छी बितेगा।

उपायः मां भगवती की आराधना करना आपके लिए सौभाग्य के द्वार खोलेगा। किसी भी धार्मिक कार्य में सहयोग व किसी ग़रीब कन्या के विवाह में कन्यादान करें।

सावधानीः अत्यधिक भावुकता से बचें। संयम के साथ रहें तथा अपनी योजनाओं को पूर्ण होने से पहले किसी के सामने खुलासा न करें, काम अटक सकता है।

शनि साढ़ेसाती / ढैयाः इस वर्ष मीन राशि पर साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव नहीं है।

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