आजीविका हेतु शाबर मंत्र प्रयोग

आजीविका हेतु शाबर मंत्र प्रयोग

शाबर मंत्र, जन लोक भाषा मे, जन कल्याण के लिए नाथ योगियो के द्वारा रचित है | जीवन मे आ रही कठनाइयों को दूर करने हेतु इस चमत्कारी विज्ञान के जनक नाथ योगी है |नाथ योगियों के द्वारा उनका तप बल इन मंत्रो मे समाहित है और कलयुग मे ये मंत्र तुरंत प्रभाव से लाभ भी देते है | मुख्यता बीमारियो व जीवन की मूलभूत समस्याओं को दूर करने के शाबर मंत्र बहुतायत मे उपलब्ध है | जिस किसी की भी दुकान लाख परिश्रम के बाद भी नहीं चल रही हो उसके लिए निम्न लिखित शाबर मंत्र बहुत उपयोगी है | यह शाबर मंत्र मेरे द्वारा अनेकों बार प्रयोग मे लाया गया है और इसके परिणाम 100 प्रतिशत प्राप्त भी हुए है | अत: आप सबके लाभार्थ मै इसको आपके लिए अपने इस ब्लॉग मे प्रकाशित कर रहा हूँ |

मंत्र  :

“भँवरवीर, तू चेला मेरा। खोल दुकान कहा कर मेरा।

उठे जो डण्डी बिके जो माल, भँवरवीर सोखे नहिं जाए।।”

विधि :- यह प्रयोग किसी भी शुभ रविवार से शुरू करना है | इसके लिए अपने सामने थोड़े से काले उड़द कटोरी मे रखकर उक्त शाबर मंत्र की एक माला रोज करनी है | यह प्रयोग रविवार से रविवार तक करके उन उड़द के दानो को हफ्ते के बाद आए रविवार के दिन अपने हाथ मे लेकर ग्यारह बार बोलते हुए प्रत्येक मंत्र के साथ अपने मुह से फूँक मारनी है | उसके बाद उन दानो को अपनी दुकान के अंदर सभी कोनो मे बिखेर देने है| अगले दिन सोमवार को झाड़ू मे वे दाने दुकान से बाहर कर देने है | इस प्रयोग के बाद ग्राहको की संख्या तुरंत बड़ जाएगी |

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